Print version of Kalihanuvani and Immortal Talks books are not availabe anymore. Please read eBooks on Kindle app.
Description: आठों योग सिद्धियों को प्राप्त करने वाले चिरंजीवी हनुमान जी ने अपना ब्रह्मज्ञान और अनुभव बाँटने के लिए कुछ विशेष आदिवासी शिष्य चुने थे। उन्होंने वचन दिया था कि वे हर 41 वर्ष पश्चात अपने शिष्यों की नई पीढ़ियों से मिलने आएँगे और उन्हें स्वयं ज्ञान प्रदान करेंगे। उसी शाश्वत वचन को निभाते हुए वे इस बार भी आए। घने जंगल से आच्छादित एक पर्वत पर उन्होंने अपने शिष्यों को प्राचीन ज्ञान नवीन ढंग से प्रदान किया। एक दिव्य लीला के अंतर्गत यह ज्ञान जंगल से बाहर ‘कलिहनुवाणी’ के रूप में पहुँच रहा है।
Immortal Talks के दोनों भाग कलिहनुवाणी नाम से एक ही पुस्तक में उपलब्ध हैं।
Contents: (0) प्रस्तावना (1) दो माताओं से जना (2) जलकन्या (3) अवर्णीय का वर्णन (4) समय के तार (5) मृत्यु को हराना (6) अभिशप्त आत्माएँ (7) सहस्त्र जीवन (8) लिंग कुंजी (9) अपूर्ण (10) अदृश्य चार (11) जागृति विन्यास (12) निरंतरता
Binding Paperback (261 pages)
ISBN 978-8193305249
Edition 1
Genre Philosophy/Fiction
Language Hindi
Publisher Seer Books Pvt Ltd
Title Kalihanuvani (Shunya)
Year 2020